भारत में कितने ज्योतिर्लिंग है, Bharat Mein Kitne Jyotirling Hai, 12 ज्योतिर्लिंग के नाम क्या हैं, 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान, भारत में कितने ज्योतिर्लिंग है कहां कहां, 12 Jyotirling Ke Naam
हेलो दोस्तो Infos Hindi पर आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है, आज हम आपके लिए और उपयोगी जानकारी लेकर आए है, इस ब्लॉग पोस्ट में हम भारत में कितने ज्योतिर्लिंग है (Bharat Mein Kitne Jyotirling Hai) के बारे में बात करने वाले है।
साथ में जानेंगे की 12 ज्योतिर्लिंग के नाम क्या हैं, 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान, भारत में कितने ज्योतिर्लिंग है कहां कहां और 12 ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई से संबंधित तमाम जानकारी आज के इस आर्टिकल में हम आपको देने वाले है।
दोस्तो भारत में सबसे ज्यादा सनातन धर्म के लोग है, और भारत में सबसे ज्यादा तीर्थ स्थल भी है वहां पर रोजाना हजारों लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं, और बहुत सारे लोग भगवान शिव के भक्त हैं।
और वहां भगवान शिव की ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना चाहते हैं परंतु बहुत सारे लोगों को या पता नहीं है कि भारत में कुल कितने ज्योतिर्लिंग है और वहां कहां पर विराजमान हैं तो दोस्तों आज के इस लेख में हम यही जानेंगे कि
भारत में कितने ज्योतिर्लिंग है, ज्योतिर्लिंग कहां पर स्थित है, 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम, यहां सभी जानकारी आज के इस लेख में हम विस्तार से जानने वाले हैं तो दोस्तों सबसे पहले हम यह जानेंगे कि ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई।
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12 ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति कैसे हुई ?
दोस्तों श्री शिव महापुराण के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी के बीच वर्चस्व को साबित करने के लिए युद्ध हो गया था, दोनों के युद्ध का हल ढूंढने के लिए भगवान शिव ने प्रकाश के एक विशाल स्तंभ से तीनों लोको को छेद दिया, जिसे ज्योतिर्लिंग कहते हैं।
भगवान शिव ने ब्रह्मा जी और विष्णु जी को उस प्रकाश का अंत खोजने को कहा, इसके बाद ब्रह्मा जी ने ऊपर की ओर प्रकाश का अंत खोजने की कोशिश की एवं विष्णु जी ने नीचे की ओर प्रकाश का अंतर खोजने को चुना।
इसके बाद ब्रह्मा जी और विष्णु जी दोनों प्रभु शिव के समक्ष आए और फिर विष्णु जी ने अपनी हार स्वीकार की परंतु ब्रह्मा जी ने झूठ बोला कि मुझे प्रकाश का अंत मिल चुका है, जिस पर प्रभु शिव ने नाराज होकर ब्रह्मा जी को श्राप दे दिया की अब से आपकी पृथ्वी पर या कहीं भी कोई भी पूजा नहीं करेगा।
भारत में कितने ज्योतिर्लिंग है (Bharat Mein Kitne Jyotirling Hai)
दोस्तों भारत में 12 ज्योतिर्लिंग है, जो भारत में पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित है हर 1 ज्योतिर्लिंग का अपना एक अलग ही महत्व और कहानी है, जिसे हम नीचे विस्तार से जानेंगे उन सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम एवं उनके स्थान मेप की सूची कुछ इस प्रकार है –
भारत के 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान
1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात
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दोस्तो गुजरात के सौराष्ट्र प्रांत के वेरावल मैं भगवान शिव का पहला ज्योतिर्लिंग स्थित है, यह दुनिया का सबसे पवित्र एवं सबसे प्रसिद्ध भगवान शिव का मंदिर एवं ज्योतिर्लिंग है, श्री शिव महापुराण में कहा गया है कि एक बार चंद्रमा को प्रजापति दक्ष ने छह रोग का श्राप दिया था।
उस शराब से चंद्रमा ने मुक्ति पाने के लिए सोमनाथ मंदिर की जगह पर ही कठिन तपस्या की थी, जिसके बाद भगवान शिव की कृपा से चंद्रमा की रोशनी वापस आ गई थी तभी इस जगह को सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है।
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश
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मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी में पास श्री शैल पर्वत पर स्थित है, दोस्तो इस पर्वत को दक्षिण भारत का कैलाश पर्वत भी कहा जाता है, इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी यह दर्शन करने आता है उसके सारे पाप धुल जाते है।
इस मंदिर में माता पार्वती को मल्लिका और भगवान शिव को अर्जुन के रूप में पूजा जाता है, श्री शिव महापुराण के अनुसार इस पर्वत पर भगवान शिव और पार्वती अपने बेटे कार्तिकेय से मिलने आए थे, क्योंकि कार्तिकेय के छोटे भाई गणेश जी का विवाह रिद्धि सिद्धि से हो रहा था इसीलिए कार्तिकेय क्रोधित थे।
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश
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दोस्तों भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा और बहुत ही प्रचलित ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है, यह मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के पास स्थित है, महाकालेश्वर मंदिर में स्थित शिवलिंग एकमात्र ऐसी शिवलिंग है जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर है।
महाकालेश्वर मंदिर के परिसर में लगभग 100 से भी ज्यादा मंदिर है जिनमे रोजाना भगवान शिव की पूजा होती है एवं रोजाना हजारों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं, महाकालेश्वर मंदिर के चारों ओर भगवान कार्तिकेय पार्वती मैया एवं गणेश जी की प्रतिमा देखने को मिलती है।
4. ओकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश
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ओकारेश्वर भारत का चौथा सबसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है, यहां मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में नर्मदा नदी के तट के पास स्थित है, दोस्तों नर्मदा नदी को भगवान शिव की पुत्री कहा जाता है, ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के किनारे शिवपुरी नामक एक ओम आकार के द्वीप पर स्थित है।
यहां पर भगवान शिव के 2 सुप्रसिद्ध मंदिर है एक ओकारेश्वर मंदिर और दूसरा अमरेश्वर मंदिर यहां पर भगवान शिव का एक पुराना और विशाल मंदिर है ऐसा माना जाता है कि यहां पर जो भी है भक्तगण दर्शन के लिए आते हैं उनकी मनोकामना भगवान शिव पूरी करते हैं।
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड
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दोस्तों केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है यहां अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के तट पर केदार नामक चोटी पर विराजमान है, दोस्तों यहां भारत का सबसे लोकप्रिय मंदिर है, ऐसा माना जाता है कि आप चार धाम यात्रा करते हैं।
तो बद्रीनाथ धाम की यात्रा करते समय यदि केदारनाथ धाम की यात्रा नहीं करते हैं तो आपकी यात्रा सफल नहीं मानी जाएगी, दोस्तों केदारनाथ धाम की यात्रा करना बहुत ही मुश्किल काम होता है क्योंकि यहां ठंड बहुत ज्यादा रहती है और यहां बर्फ वर्षा भी होती है।
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
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दोस्तों भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे में सह्याद्रि नामक पर्वत पर विराजमान है, भीमाशंकर मंदिर की ज्योतिर्लिंग काफी भीम और विशाल है, इसलिए इस मंदिर का नाम बिजवासन कर रखा गया है।
भीमाशंकर की ज्योतिर्लिंग बहुत ज्यादा मोटी है इसलिए इसे मोटेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जाना जाता है, दोस्तों ऐसा कहा जाता है कि भीम राप्ती नदी का निर्माण उस समय हुआ था जब राक्षस त्रिपुरासुर के खिलाफ लड़ाई के दौरान भगवान शिव के शरीर से पसीना निकला था।
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी राज्य में विराजमान है, यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे पवित्र ज्योतिर्लिंग है, ऐसा माना जाता है कि यहां स्थान भगवान शिव को इतना बिजी हो गया था कि उन्होंने कैलाश पर्वत को छोड़कर किसी जगह को अपना निवास स्थान बना लिया था।
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर को महारानी अहिल्याबाई होलकर द्वारा 1780 में बनाया गया था, यहां बहुत ही पवित्र ज्योतिर्लिंग है यहां प्रतिदिन हजारों भक्तगण दर्शन के लिए आते हैं।
8. त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
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महाराष्ट्र में भगवान शिव के 3 ज्योतिर्लिंग है जिनमें से 1 ज्योतिर्लिंग त्रंबकेश्वर यहां नासिक से 30 किलो मीटर दूर पश्चिम दिशा में गोदावरी नदी के तट पर विराजमान है, त्रंबकेश्वर मंदिर के अंदर पानी का एक पवित्र कुंड भी स्थित है।
जिसका शुरुआत गोदावरी है, श्री शिव महापुराण के अनुसार ऋषि और गोदावरी के कहने पर भगवान शिव यहां पर रुके थे तभी से इस जगह को त्रंबकेश्वर के नाम से जाना जाता है।
9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड
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भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों में से नवा ज्योतिर्लिंग वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग है जो झारखंड के देवगढ़ जिले में स्थित है, ऐसा माना जाता है कि रावण ने भगवान शिव की कड़ी तपस्या की थी, जिसके वरदान में रावण ने भगवान शिव को लंका ले जाने की मांग की थी।
भगवान शिव ने रावण से शर्त रखी थी कि मैं लंका तो चलूंगा पर मेरी शिवलिंग किसी भी जगह पर नीचे नहीं रखनी है, इसी शर्त को मारकर रावण भगवान शिव की शिवलिंग को लंका की ओर ले जाने लगा।
तभी भगवान विष्णु की लीला से रावण ने यहां शिवलिंग एक ग्वाले को दे दी और उसने वहां से भी नहीं नीचे जमीन पर रख दी तभी से इस जगह को वैजनाथ ज्योतिर्लिंग को किस नाम से जाना जाता है।
10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात
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नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका में विराजमान है, गुजरात के द्वारका में स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विशेष तीर्थ है, जिससे दरुकावने नागेश की संज्ञा दी गई है।
नागेश्वर का शाब्दिक अर्थ लोगों का देवता होता है, जो की भगवान शिव के महात्म्य को दर्शाता है, श्रद्धा पूर्वक इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने एवं इसकी कथा सुनने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं।
11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु
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दक्षिण भारत के तमिलनाडु के रामेश्वरम में भगवान शिव का 11वा ज्योतिर्लिंग विराजमान है, यह भारत का सबसे प्रसिद्ध एवं भव्य मंदिर है, यहां भारत के चार धाम में शामिल एक मुख्य धाम है, दोस्तों ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान श्री राम लंका में जा रहे थे तो उन्होंने रामेश्वरम में विश्राम किया था।
इसके बाद जब भगवान श्री राम नदी में पानी पीने गए तो आकाशवाणी हुई कि आप यहां जल नहीं पी सकते हैं, तब भगवान श्रीराम ने मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण किया, श्री राम के भक्ति से प्रसन्न होकर फिर भगवान शिव वहां पर प्रकट हुए।
फिर भगवान राम ने शिव जी से वरदान मांगा और कहा कि मुझे लंका और रावण पर विजय चाहिए भगवान शिव ने राम जी को यह वरदान दिया उसके बाद वहां ज्योतिर्लिंग में बदल गया, तभी रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का निर्माण हुआ है।
12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
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घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद में विराजमान है, दोस्तो ऐसा माना जाता है कि एक पति पत्नी खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे, उनका नाम सुदेश और सुधर्म था, उनकी कोई संतान नहीं थी।
जिसके बाद सुदेश ने सुधर्म की शादी अपनी बहन के साथ करवा दी, जिसके बाद उनका एक बालक हुआ, जिसे सुदेशा ने समाज की जलन से उसे झील में फेंक दिया, उसके बाद सुधर्म ने उस झील में 101 शिवलिंग विसर्जित किए।
उसके बाद सुधर्म ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की, जिससे शिव जी प्रसन्न हुए और उन्हें उनकी संतान वापस लौटा दी, उसके बाद भगवान शिव वहां घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए,
दोस्तो यह महादेव के 12 ज्योतिर्लिंग है, जिनके बारे में अब आपको जानकारी मिल गई होगी, दोस्तो आसा करते है, की Bharat Mein Kitne Jyotirling Hai से संबंधित यह लेख आपको पसंद आया होगा।
भारत में कितने ज्योतिर्लिंग है से संबंधित सवाल जवाब
दोस्तो Bharat Mein Kitne Jyotirling Hai से जुड़े हुए सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख के माध्यम से मिल जाएंगे –
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हमारे देश के कुल कितने ज्योर्तिलिंग है ?
भारत में कुल 12 ज्योतिर्लिंग है, जो कि भारत के अलग-अलग राज्यों में स्थित है।
भगवान शिव के ज्योर्तिलिंगो का क्या महत्व है ?
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग का अपना एक अलग अलग महत्व है पुरानीक कथाओं के अनुसार इन 12 ज्योतिर्लिंग के स्थानों पर भगवान शिव प्रकट हुए थे, ऐसे में भक्त इन 12 ज्योतिर्लिंग का दर्शन करना चाहते है।
महाराष्ट्र में कितने ज्योतिर्लिंग है ?
महाराष्ट्र राज्य में 3 ज्योतिर्लिंग स्थित है, 1) भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र, 2) त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र, 3) घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र।
सबसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग कौन सा है?
पिछले कुछ समय से सबसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश है, यहां पर रोजाना लाखों की संख्या में भक्त भगवान शिव के ज्योर्तिलिंग का दर्शन करने आते है।
सबसे शक्तिशाली ज्योतिर्लिंग कौन सा है?
सबसे शक्तिशाली ज्योतिर्लिंग उज्जैन का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है, क्योंकि महाकालेश्वर की मूर्ति को दक्षिणमुखी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह दक्षिण की ओर है। यह एक अनूठी विशेषता है, जोकि 12 ज्योतिर्लिंगों में से सिर्फ महाकालेश्वर में पाए जाने वाली तांत्रिक शिवनेत्र परंपरा द्वारा बरकरार रखा गया है।
भारत का सबसे पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है?
भारत में सबसे पहला ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को माना जाता है
12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान
दोस्तो भारत में स्थित 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान कुछ इस प्रकार है – 1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात 2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश 3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश 4. ओकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश 5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड 6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र 7. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश 8. त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र 9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड 10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात 11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु 12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र
उत्तराखंड में कितने ज्योतिर्लिंग है ?
उत्तराखंड राज्य में सिर्फ 1 ज्योतिर्लिंग स्थित है, जोकि बेहद ही ज्यादा प्रसिद्ध है, उत्तराखंड के केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।
निष्कर्ष : भारत में कितने ज्योतिर्लिंग है
दोस्तो इस लेख में हमने भारत में कितने ज्योतिर्लिंग है (Bharat Mein Kitne Jyotirling Hai) से संबंधित जानकारी प्रदान की हैं, साथ में में हमें हमारे द्वारा 12 ज्योतिर्लिंग के नाम क्या हैं और 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान भी बताए गए हैं,
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