डीबीटी का फुल फॉर्म क्या है, DBT Full form in hindi, डीबीटी का मतलब क्या है, DBT full form in banking, डीबीटी क्या है, DBT Meaning In Hindi
दोस्तो आप सभी का इस ब्लॉग पोस्ट में स्वागत है, जहां पर हम आपके लिए एक और नई जानकारी लेकर आए है, इस ब्लॉग पोस्ट में हम डीबीटी का फुल फॉर्म क्या है (DBT Full form in hindi) के बारे में बात करने वाले है।
साथ में जानेंगे की डीबीटी का मतलब क्या है, डीबीटी क्या है, डीबीटी कैसे करें, DBT full form in banking, और DBT Meaning In Hindi से जुड़ी हुई सभी प्रकार की जानकारी आज हम आपको देने वाले हैं।
दोस्तो आपमें से बहुत से लोगो ने बैंको में डीबीटी (DBT) के बारे में जरूर सुना होगा, लेकिन आपमें से बहुत से लोगो को डीबीटी क्या है से संबंधित बिलकुल भी जानकारी नहीं है, अगर आपको भी नहीं पता है की डीबीटी क्या है और डीबीटी का मतलब क्या है,
तो हमारे द्वारा लिखी गई इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े, क्योंकि इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको डीबीटी से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी साझा करने वाले है, दोस्तो हम आपको बताने चाहेंगे की डीबीटी एक विकसित इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है,
भारत सरकार के द्वारा लोगों के बैंक खातों में सीधे नकद और सब्सिडी स्थानांतरित करने के लिए डीबीटी को विकसित किया गया है, यह भारत के डिजिटल इंडिया पहल की सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है, आइए अब जानते है की डीबीटी का फुल फॉर्म क्या है।
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डीबीटी का फुल फॉर्म क्या है? (DBT Full form in hindi)
दोस्तो डीबीटी का फुल फॉर्म Direct Benefit Transfer (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) होता है, जिसको हिंदी में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण कहते है, डीबीटी की शुरुआत भारत सरकार के द्वारा कुछ वर्षो पहले ही हुई है,
डीबीटी का मुख्य उद्देश्य सब्सिडी और लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में बिना रुकावट के Transferred हो सके, इसके अलावा डीबीटी का उद्देश्य यह है, लाभार्थियों को भारत सरकार की योजनाओं का डायरेक्ट लाभ मिल सके।
डीबीटी क्या है ? (DBT Kya Hai)
दोस्तो जैसा की ऊपर आपको बताया गया है, की डीबीटी का मतलब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर होता है, भारत सरकार के द्वारा डीबीटी को 1 जनवरी 2013 को लॉन्च किया गया है, बैंक खातों में सब्सिडी ट्रांसफर करने के तरीके को बदलने के लिए डीबीटी का अविष्कार किया गया है।
डीबीटी को लांच करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य सब्सिडी और लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में बिना किसी रुकावट के Transferred हो सके, और लाभार्थियों को डायरेक्ट लाभ मिल सके, डीबीटी एक सरकारी योजना है।
शुरुआती समय में डीबीटी को छात्रवृत्ति भुगतान और एलपीजी सब्सिडी भुगतान के लिए लागू किया गया था, डीबीटी के सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद एनडीए सरकार ने मनरेगा मजदूरी, विकलांगता, वृद्धावस्था पेंशन, पेंशन, विधवा पेंशन आदि जैसी योजनाओं को शामिल करने के लिए डीबीटी को विकसित किया गया है।
साल 2019 तक 400 से अधिक योजनाओं के लाभ को DBT का उपयोग करके Transferred किया जा रहा है, वर्तमान समय में प्रत्येक बैंक अकाउंट में डीबीटी को सक्रिय करना आवश्यक है, ताकि आपको डायरेक्ट फंड ट्रांसफर्ड का लाभ मिल सके, आइए अब जानते है, की डीबीटी का इतिहास क्या है।
डीबीटी का इतिहास क्या है?
दोस्तो डीबीटी के इतिहास की बात करें तो Direct Benefit Transfer (DBT) को भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2013 को लांच किया गया था। और शुरुआती समय में यह केवल भारत के 20 जिलों में शुरू किया गया था, और उस समय केवल सब्सिडी के पैसो को ट्रांसफर किया जाता था।
और DBT का उद्धघाटन 06 जनवरी 2013 को किया गया था, उस समय के ग्रामीण विकास मत्री जयराम रमेश और N. किरण कुमार रेड्डी (आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री) जी के द्वारा डीबीटी को शुरू किया गया था, 2021 में लाभार्थियों की संख्या 274 करोड़ को पार कर चुकी है।
डीबीटी कैसे काम करता है?
डीबीटी बहुत ही सरल तरीके से कार्य करती है, डीबीटी को सक्रिय करने के बाद डीबीटी के तहत सब्सिडी या लाभ की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थांतरित कर दी जाती है, इसके लिए पहले आपके आधार कार्ड को आपके बैंक अकाउंट के साथ जोड़ा जाता है।
क्योंकि वर्तमान समय में खाताधारक का आधार कार्ड उसके बैंक अकाउंट से लिंक होना अनिवार्य है, जैसे ही कोई खाताधारक अपने आधार और पैनकार्ड लिंक करता है, उसके बाद खाताधारक को डीबीटी सक्रिय करने के लिए एक आवेदन देना पड़ता है,
जिसके बाद बैंक अधिकारी डीबीटी को सक्रिय करता है, उसके बाद डीबीटी के तहत सब्सिडी या लाभ की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थांतरित कर दी जाती है, इस प्रकार से डीबीटी कार्य करता है, आइए अब जानते है की डीबीटी के लिए कौन पात्र है।
डीबीटी के लिए कौन पात्र है?
दोस्तो डीबीटी पात्र होने के लिए लाभार्थियों के पास एक आधार कार्ड और किसी बैंक में अकाउंट होना चाहिए, इसके अलावा विशेष सब्सिडी या लाभ के लिए लाभार्थियों को पात्रता के सभी मापदंडों को भी पूरा करना होगा।
उदाहरण के लिए DBT योजना के तहत, जो किसान फसल बीमा सब्सिडी या फिर अन्य किसी योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो उनके पास एक वैध आधार कार्ड और किसी अच्छी बैंक में खाता होना चाहिए, एवं सरकारी विभाग के साथ किसानों के रूप में पंजीकृत होना चाहिए।
डीबीटी सक्रिय कैसे करें ?
दोस्तो डीबीटी सक्रिय करना बहुत ही ज्यादा आसान है कोई भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं का लाभ लेने या सब्सिडी लेने के लिए डीबीटी सक्रिय कर सकता है, इसके लिए आपको अपने बैंक शाखा में जाना होगा, बैंक जाते समय अपना आधार कार्ड और बैंक पासबुक साथ लेकर जाए,
बैंक शाखा में जाने के बाद बैंक अधिकारी को डीबीटी सक्रिय करने के लिए बोले, जिसके बाद बैंक अधिकारी आपको एक आवेदन देगा, जिसमें आपको आपके नाम के साथ आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक की खाता संख्या डालनी है,
इसके अलावा जो भी ऑप्शन आ रहे है, भरने के लिए सभी जगह पर अपनी जानकारी भरें, जिसके बाद उस आवेदन को बैंक अधिकारी के पास जमा करदे, आवेदन जमा करने के 4 से 5 दिनों के अंदर आपका डीबीटी सक्रिय हो जायेगा।
डीबीटी के फायदे (Benefits Of DBT in Hindi)
दोस्तो डीबीटी हर एक खाताधारक के लिए महत्वपूर्ण है, अगर आप सरकार की किसी भी योजना का लाभ लेना चाहते है, तो आपके बैंक में डीबीटी सक्रिय होना आवश्यक है, दोस्तो अगर डीबीटी के फायदे की बात करें तो डीबीटी के कई सारे फायदे है,
क्योंकि डीबीटी को विकसित करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य बैंक में भ्रष्टाचार को खत्म करना है, क्योंकि पहले सरकार के द्वारा डाली जाने वाली सब्सिडी या लाभ किसानों के खातों में सीधे ना जाकर कर्मचारियों के खाते में चला जाता था,
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, डीबीटी को लागू करने के बाद लाभ की राशि सीधे लाभार्थीयों के बैंक खातों में वितरण की जायेगी, आइए डीबीटी के लाभ के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करते है,
- डीबीटी के मुख्य फायदों में से एक फायदा यह भी है, की सरकार के द्वारा स्थांतरित किए गए लाभ की राशि बिना किसी देरी और रुकावट के सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में वितरण कर दी जाती है।
- दोस्तो डीबीटी अधिक पारदर्शिता लाता है क्योंकि सभी लेनदेन रिकॉर्ड किए जाते हैं और उन्हें ट्रैक किया जा सकता है, ऐसे में धोका धडी की गुंजाइश कम हो जाती है।
- लाभार्थियों की पहचान करना और उन्हें बेहतर तरीके से लक्षित करना आसान हो जाता है, इससे समय और संसाधन दोनो का सही तरीके से उपयोग होता है।
- DBT से लेन-देन की लागत कम हो जाती है, क्योंकि सभी ट्रांजेक्शन ऑनलाइन होते है, और सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करदी जाती है, तो कागज की खपत थोड़ी कम हो जाती है।
- डीबीटी के आने के बाद कभी भी बैंक कर्मचारी कोई धोका नही कर सकते है, वह खाताधारकों के पैसे स्वयं नहीं निकाल सकते है।
DBT Full Form in hindi से संबंधित FAQS
डीबीटी योजना क्या है?
दोस्तो डीबीटी का पूरा नाम Direct Benefit Transfer होता है, यह एक ऐसी योजना है जिसके माध्यम से सब्सिडी और अन्य योजनाओं के लाभ की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है, इसकी शुरुआत 1 जनवरी 2013 को हुई थी।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा लाभ DBT के तहत स्थानांतरित किया गया है?
दोस्तो डीबीटी सक्रिय करने के बाद अगर आपके बैंक अकाउंट में कोई भी राशि जमा होती है, तो इसकी जानकारी आपको सीधे एसएमएस के माध्यम से मिल जायेगी, यह एसएमएस आपके बैंक अकाउंट से पंजीकृत मोबाइल नंबर पर आएगा।
बैंक खाते में डीबीटी का मतलब क्या होता है?
बैंक खाते में डीबीटी का मतलब Direct Benefit Transfer (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) होता है। डीबीटी को सक्रिय करने के बाद किसानों के खाते में सब्सिडी और अन्य योजनाओं के लाभ की राशि डायरेक्ट बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है।
डीबीटी की शुरुआत कब हुई?
भारत सरकार के बैंक खातों में सब्सिडी ट्रांसफर करने के तरीके को बदलने के लिए 1 जनवरी 2013 को DBT विकसित किया गया।
डीबीटी का फुल फॉर्म क्या है?
DBT का फुल फॉर्म Direct Benefit Transfer (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) होता है।