Interpreter Kya hai, इंटरप्रेटर क्या है, Interpreter meaning in Hindi, इंटरप्रेटर कैसे काम करता है, What Is Interpreter In Hindi, इंटरप्रेटर का क्या कार्य है, What is interpreter in Computer, कंपाइलर और इंटरप्रेटर में अंतर क्या है,
दोस्तो स्वागत है आप सभी का इस ब्लॉग पोस्ट में जहां पर हम आपके लिए एक और महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए है, इस लेख में हम आपको इंटरप्रेटर क्या है (Interpreter Kya hai) से जुड़ी हुई जानकारी प्रदान करने वाले है।
साथ में जानेंगे की इंटरप्रेटर कैसे काम करता है, इंटरप्रेटर का क्या कार्य है, कंपाइलर और इंटरप्रेटर में अंतर क्या है, इंटरप्रेटर के फायदे क्या है, इंटरप्रेटर के नुकसान क्या है और इंटरप्रेटर का मतलब क्या है से जुड़ी हुई सभी प्रकार की जानकारी इस लेख में हम आपको देने वाले है।
दोस्तो इंटरप्रेटर अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं के कोड को कोड में बदलने का कार्य करता है, दोस्तो एक प्रकार से देखा जाए तो इंटरप्रेटर ट्रांसलेटर के रूप में कार्य करता है, यह मुख्य रूप से हाई लेवल लैंग्वेज को लो लेवल लैंग्वेज में परिवर्तित करता है, लेकिन बहुत से लोगो को इंटरप्रेटर के बारे में बिलकुल भी जानकारी नहीं है।
अगर दोस्तो आपको भी नहीं पता है कि इंटरप्रेटर क्या है और इंटरप्रेटर कैसे काम करता है, तो इस लेख को अंत तक जरूर करें क्योंकि उसे ब्लॉग पोस्ट में हम आपको इंटरप्रेटर से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी देने वाले हैं, आइए अब बिना किसी देरी के अपने टॉपिक पर आते है, और जानते है की इंटरप्रेटर क्या है।
Table of Contents
इंटरप्रेटर क्या है – Interpreter Kya hai
दोस्तो इंटरप्रेटर एक ट्रांसलेटर प्रोग्राम है जोकि उच्च स्तरीय भाषा को मशीन भाषा में परिवर्तित करने का कार्य करता है, दोस्तो इंटरप्रेटर उच्च स्तरीय भाषाके एक स्टेटमेंट को उठाता है, जिसके बाद उसे पढ़ता है और फिर सीधे उसे रूपांतरित करके मशीन स्तरीय भाषा में बदल देता है।
देखा जाए तो यह टूल्स है या फिर ट्रांसलेटर टूल्स की तरह ही कार्य करता है, दोस्तो इंटरप्रेटर कंपाइलर की तुलना में थोड़ा अलग तरीके से कार्य करता है क्योंकि कम्पाइलर पूरे source program को एक साथ उच्च स्तरीय भाषा से मशीन भाषा में परिवर्तित करता है,
जबकि इंटरप्रेटर एक एक लाइन को उच्च स्तरीय भाषा से मशीन भाषा में परिवर्तित करता है, दोस्तो इंटरप्रेटर एक साथ पूरे प्रोग्राम को मशीन कोड अर्थात कि object Code में ट्रान्सलेट नहीं करता हैै, दोस्तो इंटरप्रेटर मेमोरी में कम स्पेस लेता है, जिसके कारण पूरे प्रोग्राम को एक साथ ट्रांसलेट नही करता है।
वास्तव में उच्च स्तरीय भाषा को मशीन कोड में बदलना इसलिए भी आवश्यक होता है, क्योंकि मशीन कोड को कंप्यूटर आसानी से समझ लेता है, कंपाइलर और असेम्बली सॉफ्टवेयर के अलावा उच्च स्तरीय भाषा को मशीन कोड में Line By Line परिवर्तित किया जाता है, जिसे Interpreter के नाम से जाना जाता है।
इंटरप्रेटर का अविष्कार कब हुआ था ?
दोस्तो इंटरप्रेटर का अविष्कार पहली बार 1952 के समय में कंप्यूटर के अंदर प्रोग्रामिंग को आसानी बनाने के लिए हुआ था, यह हाई लेवल लैंग्वेज को परिवर्तित करके मशीन कोड में बदल देता है, इंटरप्रेटर का पहली बार इस्तेमाल एक ट्रांसलेटर के रूप में हुआ था।
इंटरप्रेटर कैसे काम करता है ?
दोस्तो इंटरप्रेटर बहुत ही सरल तरीके से कार्य करता है, प्रोग्राम को लिखने के पहले सबसे पहले इंटरप्रेटर को मेमोरी के अंदर लोड कर दिया जाता है, मेमोरी के अंदर इंटरप्रेटर को लोड करने के बाद हम प्रोग्राम लिखना स्टार्ट कर देते हैं, इसके बाद इंटरप्रेटर प्रोग्राम के एक-एक स्टेटमेंट को चेक करता है,
और अगर स्टेटमेंट में कोई त्रुटि होती है तो इंटरप्रेटर उस त्रुटि को हाईलाइट कर देता है, ताकि हम जल्दी से उस त्रुटि का सुधार कर सके, और त्रुटि ना होने की स्थिति में इंटरप्रेटर उस स्टेटमेंट को बाइनरी भाषा अर्थात मशीन भाषा में परिवर्तित कर देता है, इसके बाद जैसे ही हम दूसरी लाइन अर्थात स्टेटमेंट लिखते हैं,
इंटरप्रेटर उसको तुरंत चेक करता है और त्रुटि होने पर हाईलाइट कर देता है और अगर स्टेटमेंट में कोई त्रुटि न हो तो उस स्टेटमेंट को बाइनरी भाषा अर्थात मशीन भाषा में परिवर्तित कर देता है, इसी प्रकार इंटरप्रेटर प्रोग्राम के आखिरी स्टेटमेंट तक उस स्टेटमेंट को चेक करता है त्रुटि होने पर हाईलाइट कर देता है और त्रुटि न होने पर मशीन कोड में परिवर्तित कर देता है।
प्रत्येक उच्च स्तरीय भाषा जो की इंटरप्रेटर का इस्तेमाल करती है, उन सभी के पास अपना एक निश्चित इंटरप्रेटर होता है, उदाहरण के लिए बेसिक उच्च स्तरीय भाषा के पास अपना एक के निश्चित इंटरप्रेटर है वही पास्कल उच्च स्तरीय भाषा के पास भी अपना एक अलग इंटरप्रेटर होता है।
इंटरप्रेटर का क्या कार्य है?
दोस्तो इंटरप्रेटर के कार्य के बारे में हम आपको पहले ही जानकारी दे चुके है, इंटरप्रेटर का मुख्य कार्य ट्रांसलेटर के रूप में होता है, इंटरप्रेटर मुख्यता हाई लेवल लैंग्वेज को मशीन लैंग्वेज में परिवर्तित करने का कार्य करता है, इंटरप्रेटर कंपाइलर की तरह ही कार्य करता है,
कंपाइलर एक साथ सभी प्रोग्राम को उच्च स्तरीय भाषा को मशीन भाषा में परिवर्तित कर देता है, जबकि इंटरप्रेटर एक एक लाइन को उच्च स्तरीय भाषा से मशीन भाषा में परिवर्तित करता है, इंटरप्रेटर पूरे प्रोग्राम को एक साथ उच्च स्तरीय भाषा से मशीन भाषा में परिवर्तीत नही करता है।
इंटरप्रेटर के प्रकार – Types Of Interpreter In Hindi
दोस्तो इंटरप्रेटर मुख्यता 4 प्रकार के होते है, जोकि निम्नलिखित है –
1) बायटकोड इंटरप्रेटर्स (Bytecode Interpreters)
सोर्स कोड को सबसे पहले बायटकोड में बदला जाता है, Bytecode सोर्सकोड का एक संकुचित और अनुकूलित Representation है, परंतु यह एक मशीन कोड नही है, बायटकोड दुभाषिए तब इस संकलित कोड को निस्पादित करते हैं, दोस्तो प्रत्येक निर्देश एक बाइट से शुरू होता है, इसलिए उनके पास 256 निर्देश तक है।
2) थ्रेडेड कोड इंटरप्रेटर्स (Threaded Code Interpreters)
बायटकोड दुर्भाषीय के सामान लेकिन वो प्वाइंटर्स का इस्तेमाल करते है, हर निर्देश एक सूचक के रूप में कार्य करने वाला एक शब्द है, दोस्तो यह प्वाइंटर किसी फंक्शन और इंस्ट्रक्शन स्वीकेंश की और इशारा करता है, जबकि निर्देशों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है, इसे ध्यान में रखते हुए एड्रेस स्पेस और मेमोरी उपलब्ध है।
3) सेल्फ इंटरप्रेटर्स (Self Interpreters)
दोस्तो यह एक विशेष प्रकार के इंटरप्रेटर्स होते है, यह प्रोग्रामिंग भाषा के दुभाषिए है, जोकि एक प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए है, जोकि स्वयं की व्याख्या कर सकते है, एक उदहारण Basic में लिखा गया Basic दुभाषिए हो सकता है,
यदि किसी भाषा के लिए कोई कंपाइलर मौजूद नहीं है तो स्वयं दुभाषिए बनाए जाते हैं, दोस्तो उनके निर्माण के लिए मेजबान भाषा में उस भाषा के कार्यान्वयन की आवश्यकता होती है, यह होस्ट भाषा एक अन्य प्रोग्रामिंग भाषा हो सकती है।
4) अब्स्ट्रैक्ट सिंटेक्स ट्री इंटरप्रेटर्स (Abstract Syntax Tree Interpreters)
यह सोर्स कोड को अब्स्ट्रैक्ट सिंटेक्स ट्री (एएसटी) में बदल देता है, जिसके बाद यह इस ट्री के अनुसार प्रोग्राम को एक्जीक्यूट करता है, दोस्तो हर वाक्य को केवल एक बार ही पार्स किया जा सकता है, कार्यक्रम संरचना और स्टेटमेंट के बीच कनेक्शन सामान रहता है, रन टाइम के दौरान बेहतर विश्लेषण प्रदान करता है।
कंपाइलर और इंटरप्रेटर में अंतर – Differents Between Compiler And Interpreter In Hindi
दोस्तो आइए अब हम कंपाइलर और इंटरप्रेटर में अंतर जानते है –
इंटरप्रेटर (Interpreter)
कंपाइलर (Compiler)
इंटरप्रेटर में सोर्स कोड को ट्रांसलेट करने में अधिक समय लगता है।
कंपाइलर में सोर्स कोड को परिवर्तीत करने में कम समय लगता है।
दोस्तो अगर प्रोग्राम के सिंटेक्स में कोई कमी हो तो तुरंत बता देता है, क्योंकि यह Line By Line स्टेटमेंट को निष्पादित करता है।
दोस्तो अगर प्रोग्राम के सिंटेक्स में कोई त्रुटि हो तो उस त्रुटि को बाद में एक साथ बताता है।
इसमें इंटरमीडिएट ऑब्जेक्ट कोड उत्पन्न नहीं होते है, इसलिए इसमें मेमोरी का इस्तेमाल बहुत ही कम होता है।
इसमें इंटरमीडिएट ऑब्जेक्ट कोड उत्पन्न होते है, इसलिए इसमें मेमोरी का इस्तेमाल होता है।
इसमें Debugging करना आसान होता है।
इसमें Debugging करना आसान नहीं होता है।
C, C++, Java जेसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज इंटरप्रेटर का इस्तेमाल करती है।
पायथन, रूबी जेसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कंपाइलर का इस्तेमाल करती है।
इंटरप्रेटर के फायदे – Benefits Of Interpreter In Hindi
दोस्तो इंटरप्रेटर के कई सारे फायदे भी है, जोकि निम्नलिखित है –
इंटरप्रेटर उच्च स्तरीय कोड को लाइन दर लाइन निष्पादित करता है, ऐसे में डिबगिंग आसान हो जाती है।
इंटरप्रेटर को लिखना काफी ज्यादा आसान होता है।
इंटरप्रेटर मेमोरी कार्ड में बहुत ही कम जगह अर्थात स्पेस लेता है।
इंटरप्रेटर प्रोग्राम को Line By Line Check करता है, त्रुटि होने पर बता देता है।
इंटरप्रेटर की मदद से स्टेटमेंट में गलती ढूंढना काफी आसान होता है, क्योंकि यह Line By Line Check करता है।
दोस्तो इंटरप्रेटर के यह प्रमुख फायदे है जिनके बारे में अब आपको जानकारी मिल गई होगी, आसा करते है की इंटरप्रेटर क्या है – Interpreter Kya hai से संबंधित यह जानकारी आपको पसंद आई होगी।
दोस्तो इंटरप्रेटर और कंपाइलर में मुख्य अंतर यह है कि इंटरप्रेटर एक-एक करके प्रोग्राम के स्टेटमेंट को निष्पादित करता है जबकि कंपाइलर पूरे प्रोग्राम को एक साथ उच्च स्तरीय भाषा से मशीन भाषा में परिवर्तित करता है, कंपाइलर प्रोग्राम में त्रुटि को एक साथ बताता है जबकि इंटरप्रेटर एक-एक लाइन को निष्पादित करता है ऐसे में चेक करने के दोरान ही त्रुटि बता देता है।
इंटरप्रेटरका मतलब क्या है?
दोस्तो इंटरप्रेटर एक प्रकार का प्रोग्रामर है, जोकि उच्च स्तरीय भाषा को मशीन भाषा में परिवर्तित करने का कार्य करता है। इंटरप्रेटर लाइन दर लाइन प्रोग्राम को निष्पादित करता है।
इंटरप्रेटर का उपयोग
दोस्तो इंटरप्रेटर का उपयोग उच्च स्तरीय भाषा को ट्रांसलेट करके मशीन कोड में बदलना है l
इंटरप्रेटर किस प्रकार का सॉफ्टवेयर है?
दोस्तो इंटरप्रेटर एक प्रकार का सिस्टम सॉफ्टवेयर है।
निष्कर्ष:
दोस्तो उम्मीद है कि आपको से इंटरप्रेटर क्या है – Interpreter Kya hai संबंधित यह जानकारी पसंद आई होगी, इसके अलावा इस लेख में हमारे द्वारा इंटरप्रेटर कैसे काम करता है, इंटरप्रेटर के प्रकार और What Is Interpreter In Hindi से जुड़ी हुई संपूर्ण जानकारी दी गई है अगर यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे फेसबुक और व्हाट्सएप पर जरूर साझा करें।