KYC ka full form kya hai, KYC full form in hindi, केवाईसी का फुल फॉर्म, KYC Full Form, E-KYC Full Form In Hindi
हेलो फ्रेंड्स Infos Hindi में आपका एक दफा फीर से स्वागत है, आज हम आपके लिए एक ओर नई पोस्ट लेकर आए है, आज की इस ब्लॉग पोस्ट में हम KYC ka full form kya hai ( KYC Full form in hindi ) के बारे में बात करने वाले है।
साथ मे जानेंगे की KYC kya hai, KYC Meaning in hindi, kYC ka matlab kya hota hai ओर केवाईसी का फुल फॉर्म क्या है से इन सभी विषय के बारे में आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले है।
केवाईसी का उपयोग अब भारत की सभी बैंकों में किया जाता है, केवाईसी का उपयोग बैंको में कस्टमर के नाम, एड्रेस ओर पहचान को सत्यापित करने के लिए किया जाता है, केवाईसी डिजिटल इंडिया की एक नई देन है।

यदि आपने कुछ सालों पहले तक अपना बैंक एकाउंट खुलवा लिया हो तो आज से कुछ साल पहले तक आपको केवाईसी की जरूरत नही पड़ी होगी, लेकिन यदि आपने 1 या 2 साल पहले तक अपना बैंक एकाउंट खुलवाया है।
तो सबसे पहले केवाईसी की अहम प्रिक्रिया की गई होगी, उसके बाद ही आपका बैंक एकाउंट ओपन हुआ होगा, भारत मे रहने वाले हर एक नागरिक का बैंक एकाउंट होता है, ओर बैंको में एकाउंट खुलवाने,
या फिर किसी प्रकार का फाइनेंसियल लाभ लेने के लिए सबसे पहले केवाईसी करवाई जाती है, जिसके बाद ही आप किसी बैंक के द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही सभी प्रकार की सुविधाओं का लाभ ले सकते है।
इसके अलावा आपने किसी प्राइवेट या सरकारी बैंक से लोन लिया होगा, तो उसके पहले भी केवाईसी करवाने की आवश्यकता पड़ी होगी, KYC के इतने सारे उपयोग के बावजूद बहुत से लोगो को KYC Kya Hota hai.
ओर Kyc ka full form क्या होता है, के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नही है, लेकिन आज के इस लेख में आपको Kyc kya hai के बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी, आइये पहले यह जानते है, की Kyc ka full form kya hai.
KYC Ka full from क्या है | KYC Full form in hindi :
KYC ka Full form : केवाईसी का फुल फॉर्म Know Your Customer होता है, हिंदी में केवाईसी का फुल फॉर्म अपने ग्राहक को जाने होता है, केवाईसी की शुरुआत भारत मे सन 2002 में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के द्वारा की गई थी।
जबकि 2004 मे हर बैंको को अपने खाता धारकों का Kyc करवाना अनिवार्य हो गया था, वर्तमान समय मे सभी ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर एप के द्वारा भी केवाईसी करवाना अनिवार्य कर दिया है, Paytm ने अपने कस्टमर की शुरक्षा के लिए E-Kyc करवाना अनिवार्य कर दिया है।
यदि आपको E Kyc ka full form पता नही है, तो हम आपको E Kyc full form in hindi बताने जा रहे है, E-kyc फूल फॉर्म Eletronic Know Your Customare होता है, जब भी कही पर आपकी केवाईसी मोबाइल या कंप्यूटर द्वारा हो रही हो।
तो उसे E kyc कहते है, पिछले कुछ सालों में E kyc की लोकप्रियता बहुत तेजी से बड़ी है, क्योकि E kyc बहुत ही कम समय मे ओर आसानी से हो जाती है, आइये अब जानतें है, की E-KYC Ka Full Form क्या होता है।
E – KYC full form in hindi | E – KYC Ka Full Form क्या होता है ?
दोस्तो ई-केवाईसी का फुल फॉर्म Electronic Know Your Coustomer होता है, जिसे हिंदी में इलेक्ट्रॉनिक तरीके स अपने ग्राहक को जानें होता है, आज के समय मे ज्यादातर Electronic तरीके से केवाईसी की जाती है,
क्योकि आज का युग डिजिटल युग है, ऐसे में हर जगह इंटरनेट का उपयोग किया जाता है, ओर इलेट्रॉनिक तरीके से ही केवाईसी की जाती है, आइये अब जानते है, की अन्य भाषाओं में केवाईसी का फुल फॉर्म क्या है।
अन्य भाषाओं में केवाईसी का फुल फॉर्म क्या है ?
हिंदी भाषा मे तो आप KYC ka full form जान ही गए होंगे, आइये अब बात करते है, की अन्य भाषाओं में केवाईसी का फुल फॉर्म क्या होता है-
KYC full form in Marathi: केवाईसी का फुल फॉर्म मराठी में आपला ग्राहक जाणून घ्या” होता है।
KYC full form in Gujarati: केवाईसी का फुल फॉर्म गुजराती भाषा मे તમારા ગ્રાહકને જાણો” होता है।
KYC full form in Punjabi: केवाईसी का फुल फॉर्म पंजाबी भाषा मे Kyc ਦਾ ਪੂਰਾ ਰੂਪ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿੱਚ होता है।
इन तीन प्रमुख भाषाओं में आप केवाईसी के तीन अन्य फुल्लफॉर्म जान गए होंगे, आइये अब बात करते है, की Kyc Kya hai.
KYC kya hai | What is Kyc in hindi :
केवाईसी का फुल फॉर्म के बारे में तो आप जान गए होंगे, आइये अब केवाईसी से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बता करते है, केवाईसी का प्रयोग आज के दौर में हर जगह किया जाता है, यदि कोई कस्टमर जोकि बैंक से लोन लेने आया है।
ऐसे में अगर उसका केवाईसी ना किया जाए, तो वह कस्टमर गलत एड्रेस बता सकता है, या फिर अपने बारे में कोई में गलत जानकारी दे सकता है, जिसका नुकसान बैंक को उठाना पड़ता है, ऐसे में ही 2002 में रिज़र्व बैंक ने केवाईसी करवाना अनिवार्य कर दिया था।
केवाईसी के माध्यम से कोई भी बैंक किसी ग्राहक से लोन करते समय या बैंक एकाउंट ओपन करते समय पहले केवाईसी के माध्यम से कस्टमर की पूरी जानकारी निकालती है, जैसे – नाम, एड्रेस, इनकम, पैनकार्ड, ओर आधार कार्ड के बारे में,
जिसके बाद ही बैंक या कोई फाइनेंसियल संस्थाएं यह निर्णय करती है, की ग्राहक को लोन देना है, या नही, क्योकि ग्राहक कुछ और जानकारी देता है, ओर केवाईसी के बाद कुछ ओर जानकारी निकलती है, जिससे किसी भी फाइनेंसियल संस्था या बैंक को हानि का डर रहता है।
इसके अलावा बैंक हर एक से दो साल में ग्राहक का Kyc Status चेक करती है, ओर ग्राहक से Kyc Update करवाने के लिए बोलती है। अगर आम तौर पर देखा जाए तो बैंक और ग्राहक के बीच रिश्ता होता है, वह सिर्फ केवाईसी की वजह से होता है।
पहले की केवाईसी ओर अब की E-Kyc में सिर्फ इतना सा फर्क है, की पहले केवाईसी ऑफ़लाइन तरीके से होती थी, ओर आज के जमाने मे E-Kyc होती है, आइये अब जानते है, की केवाईसी क्यो जरूरी है।
केवाईसी करवाना क्यो जरूरी है ?
बिना केवाईसी के ना तो बैंक से लोन लेना आसान है, ओर ना ही बैंक में खाता खुलवाना आसान है, केवाईसी के बिना सिम कार्ड लेना भी आसान नही है, ओर ना ही म्यूच्यूअल फण्ड ओर स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकते हो,
आजकल हर जगह पर केवाईसी जरूरी है, अगर देखा जाए तो केवाईसी सबसे ज्यादा जरूरी है, इसलिए हमने आपको केवाईसी के बारे में इतनी जानकारी दी है, आइये अब जानते है, की केवाईसी करवाने पर कौनसे डॉक्यूमेंट लगते है।
KYC के लिए आवश्यक दस्तावेज कौनसे है ?
आप जब भी केवाईसी करवाने जाएंगे, तो आपको कुछ फॉर्म फील करने होते है, चाहे ऑफलाइन तरीके से या फिर ऑनलाइन तरीके से दोनों में ही आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज की जरूरत होती है, जिसे आपकी पहचान सत्यापित होती है-
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- वोटर आईडी
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पासपोर्ट
- सिगनेचर
इन प्रमुख दस्तावेजों की मदद से आप कही भी केवाईसी करवा सकते हो, आसा करते है, की आपको केवाईसी से संबंधित सभी जानकारी मिल गई होगी।
KYC ka Full Form से संबंधित FAQ :
KYC Ka Full Form से संबंधित आपके मन मे ओर भी बहुत सारे सवाल होंगे, जिनके जवाब आपको FAQ के माध्यम से मिल जाएगी-
KYC का मतलब क्या होता है ?
दोस्तो KYC ka Full form होता है, Know Your Customer अर्थात अपने ग्राहक को पहचानना जब भी कोई बैंक किसी ग्राहक को लोन देती है, तो पहले केवाईसी के माध्यम से उसकी सारी डिटेल्स निकालती है।
बैंको में केवाईसी फॉर्म क्यो भरे जाते है ?
यदि कोई कस्टमर जोकि बैंक से लोन लेने आया है, ऐसे में अगर उसका Kyc ना किया जाए, तो वह कस्टमर गलत एड्रेस बता सकता है, या फिर अपने बारे में कोई में गलत जानकारी दे सकता है, जिसका नुकसान बैंक को उठाना पड़ता है, ऐसे में ही 2002 में रिज़र्व बैंक ने Kyc करवाना अनिवार्य कर दिया था।
KYC क्यों जरूरी है?
यदि कोई ग्राहक किसी फाइनेंसियल संस्था से लोन ले रहा है, पहले उस ग्राहक की KYC होती है, अर्थात KYC के माध्यम से ग्राहक के सही नाम, एड्रेस, आधार कार्ड और पैन कार्ड का पता लगाया जाता है, ताकि वह ग्राहक उस संस्था से कोई धोका – धड़ी ना कर सके है।
बैंक में केवाईसी के लिए क्या क्या डॉक्यूमेंट चाहिए?
बैंक में केवाईसी करने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है, जोकि निम्नलिखित है –
आधार कार्ड
पैन कार्ड
वोटर आईडी
पासपोर्ट
ड्राइविंग लाइसेंस
केवाईसी कितने प्रकार की होती है?
केवाईसी मुख्य तौरपर 2 प्रकार की होती है-
ऑफलाइन केवाईसी
ऑनलाइन E-KYC
केवाईसी कबसे लागू हुई है ?
केवाईसी सन 2002 में रिज़र्व बैंक के द्वारा लागू की गई। केवाईसी को लागू करने के पीछे का कारण क्लाइंट की संपूर्ण जानकारी रखना और फ्रॉड होने से बचाना।
KYC ka Full Form क्या होता है ?
केवाईसी का फुल फॉर्म Know Your Customer होता है, जिसे हिंदी में अपने ग्राहक को पहचानना कहते है।
केवाईसी का पूरा नाम क्या है?
दोस्तो केवाईसी का पूरा नाम Know Your Customer होता है, जिसको हिंदी में अपने ग्राहक को पहचानना होता है।
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